बनारस न्यूज डेस्क: काशी की पहचान मां गंगा और बाबा विश्वनाथ से जुड़ी है, और देशभर से श्रद्धालु इसी आस्था के साथ यहां आते हैं। महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ के चलते गंगा आरती के स्वरूप में बदलाव किया गया था, लेकिन अब काशी के घाट फिर से अपने पुराने और भव्य रूप में लौट आए हैं। गुरुवार की शाम दशाश्वमेध, राजेंद्र प्रसाद, अस्सी समेत कई घाटों पर गंगा आरती का वही पारंपरिक स्वरूप फिर देखने को मिला, जिससे घाटों की रौनक लौट आई।
महाकुंभ के दौरान काशी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था, जिससे सुरक्षा कारणों के चलते प्रशासन ने गंगा आरती को सांकेतिक रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया था। 16 दिनों के इंतजार के बाद अब घाटों पर आरती का वही दिव्य और भव्य रूप फिर से देखने को मिल रहा है। दशाश्वमेध घाट पर सप्तऋषियों द्वारा की जाने वाली मां गंगा की आरती बहाल कर दी गई है, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है।
गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित किशोरी रमण दुबे ने बताया कि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए आरती को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया था। अब जब स्थिति सामान्य हो गई है, तो आरती को फिर से नियमित रूप से किया जाएगा। गौरतलब है कि महाकुंभ के दौरान हर दिन 10 से 15 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच रहे थे, जिससे घाटों पर भीड़ का दबाव बना हुआ था। अब श्रद्धालु एक बार फिर अपनी श्रद्धा और आस्था के साथ मां गंगा की आरती में शामिल हो सकेंगे।